बंद करो यह गंदी सियासत लाशों की, मत काटो गर्दन जनता की आसों की.. जबसे राजनीति बैठ गई है कोठों पर, गांधीजी भी हंसने लगे हैं नोटों परl तिजोरी भर-भरकर खुद को वजीर बना डाला, घोटाले कर-कर इस देश को फकीर बना डाला.. देश को दंगामुक्त और हमें अमनपरस्त रहने […]