वो 31 जनवरी की रात याद है न! तेरी मेरी पहली मुलाकात.. मेरा तुझमें खोना, तेरा चुपके से शर्माना तुम्हारे लंबे बालों में गुम होने की तमन्ना, याद है न। वो तीन दिन बाद मेरा तेरा घूमने जाना, कोसी की लहरों के बीच से निकलकर ठंडी हवाओं में तेरा मुझे […]

हार कर रुक जाना कभी सीखा नहीं, संभलकर गिर जाना कभी सीखा नहीं। यूँ तो रूकावटें मेरी राहों में थी बहुत, टूटकर बिखर जाना कभी सीखा नहीं। कांच-सी फितरत मेरी,टूटकर बिखर जाता हूँ मैं, आयना हूँ,टूटकर भी चेहरा दिखाना भूला नहीं। लेकर भरोसा गैर का राहों में,कभी बढ़ता नहीं, मील […]

  आ गए हैं मेघ काले, छा गए हैं मेघ काले गड़गड़ाते,थरथराते, भा गए हैं मेघ काले।l   नाचने तरुवर लगे हैं, इस हवा को पर लगे हैं देख कर नादान पंछी, लौटने अब घर लगे हैं।   रोशनी अब खो गई है, रात काली हो गई है छुप गया […]

सुबह के सूरज से, आँख मिलाकर की बातें दोपहर के सूरज से नहीं कर सकते बातें, सबने उसे सिर चढ़ा रखाl अभिमानी इंसान दिया भी दिखा नहीं सकते, क्योंकि,सूरज ने उनकी परछाई का कद कर रखा है छोटाl हर रोज की तरह, होती विदाई सूरज की सूर्यास्त होता ये भ्रम […]

निशानी बाप-दादा की जो गिरवी रखने जाएगा, वो अपना आतिश-ए-लाचारगी में दिल जलाएगाl पढ़े-लिखों का है ये शहर वापस लौट जा प्यारे, यहाँ एहसास की बोली कोई न जान पाएगाl वो आँखें बंद करके भी मेरे जजबात पढ़ लेगा, मेरा कमअक्ल दिल कैसे हजारों गम छुपाएगाl यहाँ अरमान भी लोगों […]

किसे ये फासला मंज़ूर  होगा, यही सच है कोई मज़बूर होगाl  तुझे दिन-रात वो बस चाहता है, कि वो आशिक़ कभी मज़दूर  होगाl  इसे न छू,बहुत तकलीफ होगी, ज़रा से ज़ख्म में नासूर होगाl  अभी न तू समझ सकती मुझे भी, कभी गुस्सा तेरा काफूर  होगाl  रहो खामोश,तेरी न सुनेगा, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।