सोलह-सोलह पर लिखो, चार चरण धर ध्यान। चौपाई का है यही, मित्रों छंद विधान॥ सोलह से तुम चरण सजाओ। चौपाई मिल सभी रचाओ॥ जगण-तगण अंत नहीं लाना। चल विधान पर छंद रचाना॥ दो लघुओं संग गुरू को रखना। उचित अंत को समझो रसना॥ चौपाई के साथ में, है दोहा […]
जीवन में केवल ठंड होती, तो धूप सुहावनी कैसे लगती। यदि केवल गरमी होती तो छाँव की तलाश क्यों होती॥ सुख और दुख आते हैं, जाते हैं। यदि मित्र न होते तो शत्रु की पहचान कैसे होती॥ हम पूर्ण होते तो, परमेश्वर को क्यों ढूंढते। […]
हमें हमारे कुत्ते से बहुत प्यार है, क्योंकि हमारा कुत्ता बहुत वफादार है। हम उस कुत्ते के मालिक हैं,इस बात का हमें नाज़ है, क्योंकि हमारे कुत्ते के सिर में कुत्तों के सरदारों का ताज है। उसकी कुत्तानियत और कुत्तत्व के मोहल्ला, पड़ोस और देश में बात होने लगी, फिर […]
पापा वट वृक्ष है,घनी छाया है, पापा आत्मविश्वास है,मेरा साया है। पापा मेरे ख़ास हैं,मेरा संबल हैं, पापा मेरे बॉस हैं,मेरा मनोबल है। पापा मेरी दुनिया है,वो महान है, पापा मेरी आन है,मेरा सम्मान है। पापा की फटकार में भी प्यार है, पापा मेरे आदर्श हैं,वो सदाचार है। जब मुझे […]
एक नन्हीं-सी कली थी, गर्त में कबसे पड़ी थी पास में बस खार था, बेरहम परिवार था पथिक एक पथ पर मिला है… आज मन उपवन खिला है। धूल,वर्षा सब सही थी, टूटकर फिर से खिली थी कोई भी मंजिल नहीं थी, राह में मुश्किल बड़ी थी नव सृजन फिर से […]
आदत छोटी-सी उम्र से ही, मैंने देखा है पिता को रखते हुए घर का एक-एक हिसाब और तुम कहते हो, वे मुट्ठी में पादते हैं दादा को एक ही चिढ़ रही पिता की उस छोटी-सी नौकरी से सदा नौकरीपेशा होते हुए भी दादू ले लेना चाहते थे, पिता […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।