लोग कहते हैं मेरे दो चेहरे हैं, मैं उन्हें निराश करूंगा मेरे धड़ के ऊपर चेहरों का एक विशाल जंगल है; वो केवल दो भाषाएँ जानते हैं, अपनी सीमाओं के अनुसार मुझे मापते हैंl आत्म-वध के आविष्कार से अनभिज्ञ हूँ मैं, अस्तित्व के अंतिम-संस्कार करने की कला से अनजानl […]
नित उठ प्रातः कीजिए,पैदल.. पैदल लम्बी सैर। नदी निकट यदि बह रही,तैर.. सको तो तैरll सन्ध्या वन्दन कीजिए,अनु.. दिन प्राणायाम। जितना सम्भव हो सके,शुरू.. करो व्यायामll जो जन करते नित्य हैं,प्रातकाल.. उठ योग। स्वस्थ,सबल,दीर्घायु हो,रहते.. सदा निरोगll योग भगाता रोग है,कांतिवान.. मुख तेज। स्वस्थ,सबल बनना चाहो,खान.. पान […]