हर रात का लो गजब फ़साना है, बूढ़ी आँखों का अजब जगाना है। नींद से बोझिल पर बेटे के इंतजार, में माँ को लगी नींद भी भगाना है। शहर भागता हुआ,रुकता कोई नहीं, लगे हमें घर तो बस सराय खाना है। छोड़ दिया गांव जिस दिन से हमने, परदेसी मोहर […]

मधुबन जीवन,एक महकता तपती धरा तब नीर बरसता। राही तू क्यों,छाँव तलाशे? आलौकित कर जीवन पथ को। जो मिल जाए,तू अपना रे, राह पर अपनी बढ़ता जा रे। सुख की रातें गन्ध मारती, दुःख ही है सुखों का सारथी। जलकर बाती उजियारे पाती, मिले न इच्छित तो जश्न मना। रीत […]

अपनों से क्यों रुठी हो, अब मान भी जाओ गौरैया.. नन्हें-मुन्ने तुम्हें बुलाते, मेरे आँगन आओ गौरैया। दादी कहती रोज कहानी, जिसमें होती गौरैया दादू रखते दाना पानी, बाग बगीचे और मुंडेरे। छज्जे ऊपर डब्बा टांगा, पानी का सकोरा बाँधा चावल के दाने बिखराए, रहने आजा  गौरैया। अपनों से क्यों […]

हम मंदिरों में जा-जाकर देवता पूजते रहे। गली के मोड़ पर खड़ा आदमी काम आया मुझे। चलो हम अब दीदार को चलते हैं उनके। शाम को दिया वो रखने मड़िया पर आएंगे। उन पौधों के फूल सजे हैं आपके जूड़े में। ये पौधे कुछ वर्षों पहले हमने ही तो रोपे […]

सलमान की पिछली 11 फिल्मों में सबसे कमजोर फ़िल्म ‘ट्यूबलाइट’ है,जो शुरु होती है कुमाऊँ के जगतपुर इलाके से,जहां लक्ष्मणसिंह बिष्ट(सलमान खान ) अपने छोटे भाई भरत(सोहैल खान) के साथ रहता है,क्योंकि दोनों के माता पिता बचपन में ही चल बसे हैं। दोनों भाई एक-दूसरे की ज़िंदगी है,पर लक्ष्मण को बातें […]

सुनो प्रिये! मैंने अपने पूरे होश में तुम्हारे नाम वसीयत में लिख दिया, सम्पूर्ण प्रेम.. सोचता हूँ तुम्हारा संवेदनशून्य मलिन-भावनाविहीन ह्रदय नहीं महसूस पाएगा उस वसीयत की अहमियत और तुम्हारे जीवन की उलझी शाम में खुरदरे हुए हाथों के स्पर्श से मेरी देह नहीं ले पाएगी सुख स्पंदन का ही, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।