आज बुरा है, कल बद्तर होगा पर अगला दिन शायद कुछ उजास हो, जब खिलेगी चुटकी भर धूप इस तमसित जीवन में आएगी बहार इस निर्जन के पतझड़ में, सुवासित हो जाएगी यह हृदय वाटिका मोहक रंगीन पुष्पों से यह उम्मीद ही तो है जो गहन अंधेरों में भी एकाकी […]
आज मुझे मित्र के पुत्र के जन्मदिन की पार्टी में जाने का अवसर मिला। जब मैं वहां पहुंची तो,पार्टी पूरे शबाब पर थी ,पाश्चात्य संगीत पर कुछ युवक-युवती थिरक रहे थे। थोड़ी देर में केक काटा गया,सभी अपनी मस्ती में मस्त थे,किन्तु बच्चे के दादा-दादीजी एक तरफ शांत मुद्रा […]
हम दिल से उन्हें हर बार सलाम करते हैं; वो यूंही बेवफाई हमसे सरेआम करते हैंl सीख लिया पत्तों ने पतझड़ में यूं संभलना; खाक होने का फिर वो इंतज़ाम करते हैं। न होना मायूस यूं हारकर तुम कभी भी; हारकर कुछ लोग मुकद्दर को बदनाम करते हैं। […]
भाई आप, छत्तीसगढ़िया लगते हैं! जबाब मिला, हाँ,हम छत्तीसगढ़िया हैं। लम्बे समय से, यहीं राजस्थान में हैं। छत्तीसगढ़ से, जयपुर में कमाने खाने हैं॥ हमने कहा भाई, वहां तो बहुत बड़े काम हैं। और वहां पर, बहुत बड़ी फैक्ट्रियां है। तो भी यहां, आखिर क्या कारण है। उसने कहा, शोषण […]
बरकतें अपने साथ लाया था, देकर नेमतें हज़ार जा रहा है॥ साल की लंबी जुदाई देकर, देखो रमज़ान जा रहा है॥ किया था इस्तकबाल जिसका, ख़ुशी और शादमानी से। अश्कों में देकर वो आंसू, आज जा रहा है॥ करकेे फिर मिलने का वादा, तोहफा-ए-ईद दे जा रहा है॥ साल की […]
खेत में ही फंदा लगा करता है वह आत्मघात, खबरें छपती अख़बारों में ,रहते सब चुपचाप। करोड़ों खाते लफंगे,पर किसानों को नहीं माफी, जिंदगी खत्म हो जाती और कर्ज रह जाता बाकी। खाद,बीज की चिंता, ऊपर से महंगाई की मार, विषम परिस्थितियों के आगे,वह जाता है हार। अन्नदाता है जो […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।