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हम सबको मिलकर अब,काम ये करना होगा, स्वप्न जो थे वीरों के,उन्हें पूरा करना होगा। हो गए जो धूमिल यहां रिश्तें अंधकारों से, उन रिश्तों को फिर प्रकाशित करना होगा॥ लूट ले गए जो भारत की धन दौलत को, उनको एक बार फिर धनी हो के दिखाना होगा। आ रहे […]

कोई हसरत ना रही,कोई आरज़ू ना रही, दिल ऐसा तोड़ा है,अब कोई जुस्तज़ू ना रही। कितने वादे किए थे,साथ जीने-मरने के, क्या हसीं बातें थी,अब वो भी तो मौज़ू ना रही॥                                       […]

आयो सावन को तेवार,मन में हरस अपार आँगन झूला पड़ी गया,बेटी बेगी आवजे l  माता करे मनवार,पिता देखे डेली द्वार, भाई करे इंतजार,बेटी बेगी आवजे l  बेन्या हंसी खुसी नाचे,भावज लाई पेरवास, सखिया आई दिन चार,बेटी जल्दी बेगी आवजे l  तू तो आँगन को सिणगार,माँ की गोदी को दुलार, थारा […]

रक्षा बंधन के पावन पर्व की धूम अभी शांत नहीं हो पाई थी कि, ‘चंडीगढ़ की वर्णिका कुंडू’ का पीछा किन्हीं राजनेता के सुपुत्र द्वारा किए जाने की घटना आज हर तरफ फैली हुई है। ऐसा नहीं है कि-यह कोई पहली घटना है। रोज़ाना ऐसी शर्मसार करती,और बड़े शहरों-महानगरों मे […]

किशोरवय के पड़ाव पर पाँव रखती मासूम रजस्वला बेटियाँ मासिक धर्म के जैविक परिवर्तन से यकायक अकस्मात् सयानी हो जाती है,और शारीरिक बदलाव को सहज स्वीकार नहीं कर पाती हैं। मानसिक व शारीरिक संघर्ष की इन चुनौतियों में हर मां का ये दायित्व बनता है कि,बच्चियों से दोस्ताना व्यवहार कर […]

हाँ में दीमक हूँ, घर दिवारों पर खिड़कियों पर, किताबों में पुरानी समानों पर मिट्टी के अन्दर अपना रैनबसरे बना लेती हूँ, धीरे-धीरे फैलती जाती हूँ जैसे बरगद की लताएं हों। मैं कहीं भी जाऊँ, अपना स्थान घेर लेती हूँ या यूँ कहें एक सुरक्षित दायरा बना लेती हूँ, मैं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।