निशदिन अब हो रही बरखा की फुहार, पवन में भी महक है सोंधी- सोंधी-सी… मीत रिझाने गीत गाते पक्षी गगन में, ये प्रकृति भी करे है नित नए श्रृंगार। पर मेरे हिय में क्यों सूनापन- सा आज? सावन के इस रिमझिम से मौसम में, हँसते मुस्काते सुंदर से सब […]
जैन मुनियों के बारे में बहुत से लोगों को जानकारी न होने के कारण बहुत सारी गलत धारणाएं मन में व्याप्त हैं,जिसके कारण लोग उन्हें सही ढंग से समझ नहीं पाते हैं और भला-बुरा कहते हैं,जबकि हकीकत कुछ और ही होती है। वैसे तो उनके बारे में हम जैसा […]
‘ह’ से अपना हिमालय, सिर छत्र मां का बनाएं। ‘स’ सूरज की लालिमा, मां के भाल लगाएं। सारे जहान में में हिन्दी को फैलाएं। मां भारती को हम हिन्दी से सजाएं॥ ‘म’ से मांग में तारे, केश गजरा लगाएं। काजल अमावस का, पूनम-सा रूप सजाएं। मां भारती को हम हिन्दी […]
जमाने के कई रंग देखे हैं हमने, कभी तपती धूप,कभी बारिश में उजाले देखे हैं हमने। जो इंसा सब कुछ खोने को तैयार है हमारे लिए, उसी के काले निवाले देखें हैं हमने। जब से होश संभाला है,धरती पर रेंगता है इंसान, उसी इंसान को उड़ती हवाओं में देखा है […]
नौ माह कोख में,पाला था, दिया अपना उसे,निवाला था। जब गई, इस दुनिया से, कोई न,देखने वाला था॥ उस बेचारी,माता की, क़िस्मत ही जैसे,फूट गई… ‘आशा’ की आशा,छूट गई॥ दर्द में कराहती,वो माता, कोई बचाने,क्यों आता। गैरों की क्या,बात करें, भूला वो जिससे,था नाता॥ दसवें माले में,कब जाने, साँसें भी […]
ये कैसी मानवता जिसमें मुझे बाहर बैठाकर पढ़ाया गया, ये कैसी मानवता जिसमें नौकरी जाने पर कालीन उठाया गया.. कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत को एक बताने वालों, ये बताओ महाड़ का पानी पीने पर पत्थर क्यूं बरसाया गया। पत्थर क्यूं बरसाया गया,क्या मैं सचमुच अपवित्र था, जानवर पिए भले […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।