नित-नित मैं तेरा ध्यान करूँ, हे  माँ  तेरा गुणगान करूँ… ज्ञानप्रदायनी,वीणावादनी, माँ  तेरी  जयकार  करूँ l तेरे आंचल में जो आता, जीवन धन्य-धन्य हो जाता… ज्ञान प्रफुल्लित चहुँ दिशा में, दीपक बनकर सदा फैलाता… माँ कर दे राह मेरी आलोकित, नमन  मैं  बारम्बार  करूँ… ज्ञानप्रदायनि वीणावादनी, माँ तेरी जयकार करूँ….ll […]

देश की  मेरे  सुबह  अनोखी  कितनी  प्यारी शाम है। हर रज कण चन्दन-सा पावन शोभा अमित ललाम है ll यहाँ हिमालय गंगा-यमुना, मुम्बई है चौपाटी है… कण-कण में फैली हरियाली, चन्दन जैसी माटी है। साँझ सुहानी  निशा  सलोनी  भोर  बड़ी अभिराम है। हर रज कण चन्दन-सा पावन शोभा अमित ललाम […]

सफलता के हज़ार साथी होते हैं,किन्तु असफलता एकान्त में विलाप करती है। यूँ तो सफलता या असफलता का कोई निश्चित गणितीय सूत्र नहीं होता,किन्तु जब पता चले कि,आपकी असफलता कहीं-न-कहीं पूर्व नियोजित है,तो वह स्थिति निश्चित रूप से चिंताजनक है। देश की सबसे बड़ी मानी जाने वाली आईएएस की परीक्षा […]

  कुछ के लिए ऐशो आराम है जिंदगी, कुछ के लिए बेनाम, बेकार है जिंदगी। देखा जाए तो एक समय ही है जिंदगी, कहीं ठहरी हुई तो कहीं चाल है जिंदगी। कभी धूप तो,कभी छाँव है जिंदगी, कभी सच तो कभी ख्वाब है जिंदगी। कहीं जानी हुई-सी,तो कहीं अनजान है […]

सुनो गुलाब, और सारी फुलवारी से पूछ के बताओ… तुम तो अधपीली दूब को सिहुलकर,हरे रोपे गए थे न | तो तुम लाल कैसे हुए….! तुम बकलोल हो-असहिष्णु हो ? तुम्हें पता नहीं, ‘हरा रंग किनका` है ? इधर, बद्तमीज गेंदा भी ‘पीला’ हो गया पवित्र पीला…! क्यों भला ? […]

 देसी के साथ जब से विदेशी टमाटर आया है,देसी कुछ ज्‍यादा ही भाव खा रहा है। विदेशी के भाव तीसरी मंजिल पर तो,देसी के भाव आसमान पर। देसी खाकर कोई लाल हो रहा है,तो कोई उसके भाव सुनकर लाल हुआ जा रहा है। जो खरीद रहा है वो लाल है,जो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।