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कोई हसरत ना रही,कोई आरज़ू ना रही,
दिल ऐसा तोड़ा है,अब कोई जुस्तज़ू ना रही।
कितने वादे किए थे,साथ जीने-मरने के,
क्या हसीं बातें थी,अब वो भी तो मौज़ू ना रही॥
#सन्तोष बाजपेई
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