अब फोड़ो मटकी बिहारी तुम बहुतों की देखो छलक रही, अब दहिरा ढूंढो न इसमें तुम छल कपट से देखो उबल रही, अब मटकी फोड़ो बिहारी तुम। कहीं भ्रष्टाचार से भरी हुई, कही नफरत-द्वेष से भरी हुई कहीं जाति-पाती की बातों से, कहीं राग-विराग की घातों से अब मटकी देखो […]

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सुबह जब सुधीर की नींद खुलती है तो देखता है कि वो सुनसान जगह में पड़ा हुआ है। उसके आस-पास दूर तक कोई गांव नहीं दिखाई देता है। वो अपनी जेब में हाथ डालता है और एक पत्र निकालकर पढ़ने लगता है,जिसमें लिखा होता है- ‘प्रिय सुधीर, मुझे माफ कर […]

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कुछ खास नहीं, मेरे लिए तो ख़ुशी का ठिकाना है। ज्ञान का भण्डार, कुछ नया सीखने का आशियाना है॥ कुछ खास नहीं, एक टूटे दिल की कोशिश है। ईद की ईदी जैसी, दीवाली की बख्शीश है॥ कुछ ख़ास नहीं, दिल में दबे एक लेखक की आस है। कुछ अच्छा पढूं, […]

वह आता है, दो घंटे की गार्ड-ड्यूटी बजाता है फिर रेस्ट-रुम चला जाता है हर दो घंटे की ड्यूटी बाद ४ घंटे की तफरी होती है सोचो वह टुकड़ों में रात काटता है जब दुनिया चैन से सोती है। इन ४ घंटों की तफरी में, १ घंटा खुद को समझाओ […]

वो उसका वास्ता देकर आज भी मुस्कराते हैं, दोस्त हैं अपने,कसम से आज भी सताते हैं, इसमें भी प्यार छुपा है इन यारों का, आंसू भी खुद ही देते हैं और मरहम भी खुद ही लगाते हैं॥ यादों का क्या है  हरदम सताती है। माँ की या महबूबा की,दोनों रुलाती […]

कमाया, ठीक कमाया और बहुत कमाया; नाम भी, धन भी। अपनी कला से, किया लोगों का मनोरंजन भी। नगर-नगर गलियों-गलियों, में खूब मचाई धूम। पुरस्कारों से सजा, तुम्हारे घर का ड्राइंग-रुम। अब तुम अपने-आप को समझ बैठे सरताज़। वक्त़ को ही मान बैठे तुम, अपना ही दास। वक्त़ ने बदली […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।