वह आता है,
दो घंटे की गार्ड-ड्यूटी बजाता है
फिर रेस्ट-रुम चला जाता है
हर दो घंटे की ड्यूटी बाद
४ घंटे की तफरी होती है
सोचो वह टुकड़ों में रात काटता है
जब दुनिया चैन से सोती है।
इन ४ घंटों की तफरी में,
१ घंटा खुद को समझाओ
कि आप रेस्ट में हो,
आपको जल्दी सोना है
वहीं बेवफा निंदिया रानी
उसे दगा दे जाती है,
पूरे घंटे बीत जाते हैं,
पर नींद उसे न आती है l
मुश्किल से अभी आँख लगती है,
कि कहीं धक-धक होने लगता है
सोने का वक्त खत्म हुआ,
दूसरा गार्ड यही कहता है l
अभी है ड्यूटी व अभी है रेस्ट,
इसी भुलैया में उसकी निंदिया वेस्ट
सोने-जागने के इस क्रम में
वह नींद कहाँ ले पाता है
पर कहो खुद जागकर व हमें सुलाकर
हमारी सहानुभूति तो ले सकता है ll
#निकेश कुमार
परिचय: निकेश कुमार,पश्चिम बंगाल के शहर-बागडोगरा से हैंl आपकी आयु करीब ३२ वर्ष और जन्म स्थान-सुपौल हैl वर्तमान निवास-बागडोगरा में है,जबकि स्थाई निवास-सुपौल (बिहार)में है l शिक्षा-पीएचडी और कार्यक्षेत्र-वायुसेना में है l आप बाल साहित्य के लिए कार्यरत हैं l कई पत्रिकाओं में आपकी बाल रचनाएं छप चुकी हैं l `ईग्नू` से बाल साहित्य में शोधरत हैं l आपके लेखन का उद्देश्य-स्वयं की संतुष्टि है l