मंदिरों के बाहर पड़े भगवान को चढ़ाए पूजा पुष्प,जिनको भक्तगण आंख बंदकर कुचल के चले जाते हैं। पूरी श्रृद्धा के साथ भगवान की प्रतिमा के मुंह में ठूंसा हुआ मिष्ठान्न,मतलब जब तक भक्त द्वारा चिपकाई गई बरफी प्रभु-प्रतिमा के मुंह से चिपक न जाए,भक्त को संतुष्टि नहीं होती है। बाद […]

डगर-सी है जिंदगी बस चलते रहो, कभी अकेले कभी साथियों का साथ, पर अधिकतर अकेले जहां साँझ हुई वहां विश्राम। फिर से चल निकलना है एक नई किरण के साथ, बस चलते रहो॥ कभी अपनों से लड़ना होता कभी परायों से, पर खुद से जयादा लड़ना होता है जहां थक […]

दूसरों  का   जो  आसरा   होगा, तो नहीं ख़ुद का भी भला होगा। दूसरों   को   जो   तू    गिराएगा, कल को तू भी  यहाँ गिरा होगा। हौंसला  तब  ही  साथ  देता  है, जब कड़ा  कोई  फ़ैसला होगा। जब करोगे सनम  शुरू चलना, तब  सुलभ  तेरा  रास्ता […]

कलियों  पर  शबाब  है, क्योंकि तेरी सूरत गुलाब है। सपनों ढूंढो कोई और नज़र, वो आए नज़र तो खाब  है। मस्त निगाहें शोखी तेरी, क्या खूब भरी शराब है। मैं यूँ  ही रौशनी ढूंढ रहा, देखा तुझे तो बेनकाब है। बिजली गिरी ज़िगर पर, यूं चमकी  बेहिसाब है। तू तो […]

चलते-चलते थक गया हूँ मैं बहुत, गोद में माँ तेरी सोना चाहता हूँ। दिल भरा है पर बहुत खामोश हूँ, आँचल से लिपट बस रोना चाहता हूँ। जी करे जी भर के जिद तुमसे करुं, माँ मैं फिर से जिद्दी होना चाहता हूँ। जिसे पाकर भूल जाऊं दुनिया का गम, […]

वाह रे वाह जमाना, मिलती न जिन्हें आधुनिकता,सुख,प्यार तो शुरु करते हैं अत्याचार, भुलाकर मानवता की सीमा रच ढोंग अध्यात्म का, चलाते हैं व्यापार वाह रे वाह जमाना l मानवता का ज्ञान न जिसको,  वह खुद को ईश्वर का प्रतीक बताता राम-रहिमन की मर्यादा की, है बोली ऊँचे मंचों से लगाता वाह […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।