जय जय जय हे भारत माता। तुम त्रिभुवन की भाग्य विधाता॥ वेद,पुराण,तुमहि नित ध्यावै। धरती,अम्बर ध्यान लगावै॥ शस्य श्यामलां धरा तुम्हारी। इस जहान में सबसे प्यारी॥ छः ऋतुएं भारत में आए। शरद शिशिर हेमंत सुहाए॥ ग्रीष्म,वसंत व वर्षा राजे। चहुँदिसि भारत महिमा साजे॥ निशदिन सागर पाँव पखारे। भागीरथी सृष्टि को […]