दस साल का रोहित अपने पड़ोस में सभी का और अपने घर में सभी का प्यारा था। आसपास के लोग और खुद उसके घर के लोग भी उससे बहुत प्यार करते थे।आस पड़ोस में सबसे अधिक प्यार तो रोहित को पड़ोस में रहने वाली आँटी वीना करती थी। वीना आँटी […]
हिन्दी साहित्य सेवा के लिए पदम् श्री,पदम भूषण,यश भारती जैसे बड़े सम्मानो से नवाजे जा चुके गोपाल दास नीरज हिन्दी फिल्मो मे दिए अपने गीतो और कवि सम्मेलनों के मंचो पर गौरव पूर्ण मौजूदगी के लिए हमेशा याद किये जाते रहेंगे।उनसे उनके गीतो,कविताओ और हिन्दी फिल्मो मे उनके योगदान को […]
करते है भाई करते है,सब अपना अपना काम। चाहेगा जब ऊपर वाला,तभी होगा तेरा नाम।। नंगे पांव धूप में दिन रात करते है कुछ लोग काम। कुछ लोगो की किस्मत में धन बहुत,चाहे करे वो आराम।। भाग्य जब तेरे साथ में,धन संपत्ति आएगी आपार। भाग्य धोखा दे अगर,कुछ भी न […]
जब ना लिख पाया कोई भी,अपनी किताब ए गुनाह । हमने कर ली तैयारी लिखेंगे ऐसा जो खुद को कर ले फनाह ।। अपने ही माँ बाप के दर्दो को मैं बाट ही ना पाया । जब जरूरत पड़ी उन्हें,मैं अपनी सहूलियत से उनके काम आया।। जिन्होंने मुझे बड़ा करने […]
घायल जिस्म में जान अब भी बाकी है, कहता है पाना है जो मुकाम वो अभी बाकी है। बेशक आज कमज़ोर है घायल है मगर खुदसे लड़ने को राज़ी है, बहुत तडपा है ज़िन्दगी में आगे और तड़पना पड़े तो कोई गम नहीं के पाना है जो मुकाम वो अभी […]
दुनिया के खिलौने बच्चों हित,बच्चे हम सबके खिलौने हैं, उम्मीद उड़ानें अम्बर तक,दिखने में कितने बौने हैं। जिनकी किलकारी सुनने को,हम कान उटेरे रहते हैं, ईश्वर का अंश झलकता है,यह नीरज नयना कहते हैं। सागर-सा प्यार उमड़ता है,बेऔलादों के भी उर में, सब सुख-सुविधा झूठी लगती हैं,बिन औलादों के घर […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।