शजर की चाह थी कि परिंदों को आसरा दे । फिजा ने कुछ और ही दिखाया है नजारा ।। जईफ हुआ शजर,जज्ब भी लुप्त हुआ है। इसका आसरा देने का जज्बा अभी जवां है ।। कुछ इस कदर खस ने इसे हर तरफ घेरा है। सूरज की धूप से भी […]

भोले शंकर अबके सावन में अपने पास बुलाना। दिल में जगह न दो तो अपने पैरो में जगह बनाना।। शीश तुम्हारे चरणो में रख मेरा जीवन कट जाए। सर पर हाथ रहे तुम्हारा तो हर संकट कट जाए।। जब जब शंकर नाम तुम्हारा मेरे मुख पर आए। मन से लेकर […]

 nir मौत  ने  भी  अपने  रास्ते बदल डाले, मैं जिधर चला उसने कदम वहाँ डाले। जब – जब लगा मेरे जख्म भरने लगे, पुराने वक्त की यादों ने फिर खुरच डाले। मैं बहुत परेशान था पैरो के छालों से, मंजिल ने फिर भी रास्ते बदल डाले। रौशनी झरोखों से भी […]

रात अंधेरी , चाँद अकेला तारे भी ना जाने कहाँ गए। काली – काली अँधियारी में, बेचारा चाँद अकेला क्या करे। मिल  जाये  आँचल  माँ  का, इसी उम्मीद में रात भर चले। सन – सन चल रही जो हवाएं, उनसे  शायद  फिर  चैन  मिले। कुछ काले , कुछ उजले बादल […]

वो  मयखाना  था  या  दवाखाना, मैं  कुछ  भी  समझ  ही  ना पाया। पता नही क्या था मय के प्याले में, मैं  अपना  हर  गम  भुला  आया। आँखो के सामने रंगीनियां छाई थी। हर परेशानी को वहाँ मौत आई थी।। एक  संगीत  होठो  पर  खुद  ही  आया। दरिया दर्द का , […]

          राजीव के सब्जी मंडी में आते ही अचानक सब्जी बेचने वालों के बीच में खलबली मच गई।काफी समय से राजीव सब्जी मंडी आता है और हर सब्जी खरीदने में कुछ ना कुछ बहस बाजी करता ही रहता है।          उसे देखकर अब […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।