वर्षा बीता शरद ऋतु आई, चली ठंडी-ठंडी हवा पुरवाई| खिले दूर-दूर तक फूल कास के, हरियाली धरती की मांग सजी|   और प्रकृति अपनी अलौकिक सुंदर, रूप की छटा लिए खिल उठीl  शरद ऋतु के इसी मौसम में, झर-झर झरे शिवली के फूल भीl शिवली के फूलों की मनमोहक सुगंध, और कास […]

मैं वो तूफां हूँ कि, आसमां झुका दूंगा ऐ नापाक पाकिस्तान तुझे, कब्रिस्तान बना दूंगा। मां भारती का बेटा हूँ, सर पे कफन लेता हूँ ऐ नादां पाकिस्तान, चेतावनी तुझे देता हूँ। गर भारत को तू कभी, वक्र नजर से देखेगा कभी इस जमीं पर, नापाक कदम धरेगा। हस्ती तेरी […]

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अपलक-सी देख रही थी, और अंतस मन में महसूस कर रह थी वो, अनछुए स्पर्श को। अनजानी-सी सिहरन, रोम-रोम में घुलती जा रही थी,फिजा में फैली वो मादक गंध, मदहोश किए जा रही थी। दूधिया चांदनी में ओस से, भीगी सरसराती हवा में साड़ी के पल्लू को थामे, उन अजनबी […]

देखो जरा हथेली अपनी, उसमें हल्की-सी लकीर हमारी भी…॥ मत होना परेशान कभी, मेरी किस्मत की लकीरों में नाम तुम्हारा शामिल है…॥ देखो जरा हथेली अपनी, उसमें बसी तकदीर हमारी। मिलना-बिछड़ना खोना-पाना, यह खेल बेशक नियति का इसी नियति में चुना तुझको, देखो मेरी किस्मत में॥ कितनी भी हम कोशिश […]

मुहब्बत के चिरागों को अँधेरा चीरते देखा, जवानों को हवा का रुख हमेशा मोड़ते देखाll  नहीं अभिशाप निर्धनता समझ जिनको ये’ आ जाए, उन्हीं की मेघ गर्जन को गगन में गूँजते देखाll  बिना माँझी के’ भवसागर न नैया पार अब  होगी, भँवर में डूबते जन को सहारा ढूँढते देखाll  असर […]

————— विनती करता हूँ शारदे माता, विद्या का हमको वरदान दे दे हम झुके तेरे चरणों में निशदिन, तेरा आसरा हमको दे दे। विनती….ll हर वाणी में सरगम है तेरी, तू हमें स्वर का राग सिखा दे हर गीत बन जाए धड़कन, नृत्य पे सुर लय ताल मिला दे मन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।