वर्षा बीता शरद ऋतु आई, चली ठंडी-ठंडी हवा पुरवाई| खिले दूर-दूर तक फूल कास के, हरियाली धरती की मांग सजी| और प्रकृति अपनी अलौकिक सुंदर, रूप की छटा लिए खिल उठीl शरद ऋतु के इसी मौसम में, झर-झर झरे शिवली के फूल भीl शिवली के फूलों की मनमोहक सुगंध, और कास […]