इण्डिया नहीं है भारत की गौरव गाथा…। यह कहना है कन्नड़ भाषी जैनाचार्य विद्यासागर जी महाराज का। समाज में आए भटकाव से हमारी जवान पीढ़ी का ख़ून सोया हुआ है। कविता ऐसी लिखो कि रक्त में संचार हो जाए। इस पीढ़ी का इरादा ‘इण्डिया’ नहीं ‘भारत’ में बदल जाए। वे […]

रात डसती है,सोने नहीं देती, टीस उठती है,सोने नहीं देती। आंखें जितना भी दर्द बहाती हैं, कसक उतना ही सोने नहीं देती। मेघ गरज-गरज डराते रहते हैं, बारिश रिमझिम सोने नहीं देती। यादों का सैलाब उमड़ आता है, कश्ती की तलाश सोने नहीं देती। खाई कसम जो वादा निभाने की, […]

फिल्म ‘भूमि’ देखकर लगता है कि,संजय दत्त जेल से नहीं छूटते तो ही बेहतर था। क्या ऐसी ही फिल्म में काम करना था? फिल्म में कोई नयापन नहीं है, पुरानी कहानी है। कुछ समय पहले आई `मातृ` और `मॉम` में बेटी से हुए अन्याय का बदला मां लेती है,इसमें बेटी […]

उत्सव का समय थाl गणेश जी को मैंने प्रणाम किया,तो बड़े अनमने भाव से उन्होंने कहा,-`खुश रहो।` मैंने कहा,-`प्रभु, लेकिन आप ज्यादा खुश नहीं हैं। क्या बात है? क्या आपको हमेशा की तरह नकली घी के लड्डू खिलाए जा रहे हैं? क्या हमेशा की तरह भक्तगण आपके नाम पर चंदा […]

(काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में हो रही घटना पर) क्या यही अब नीति होगी, देश और इस काल की। वह धरा साक्षी बनेगी, जहाँ भक्ति होती महाकाल की। है बेटियाँ यदि मान तो, क्यों हुआ यह अपमान है। सिसकियाँ अनसुनी रही, आखिर ये कौन-सा सम्मान है? चलाना चाहिए घन, जिन पापियों […]

अब न वो सुबह होती है, न वो वैसी रात होता तो सब है मगर, अब नहीं रही वो बात। अब न वैसी गर्मी होती है, न वैसी बरसात होता तो सब है मगर, अब नहीं रही वो बात। अब न वैसे लोग मिलते हैं, न ही वैसे ख्यालात मिलते […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।