—————
विनती करता हूँ शारदे माता,
विद्या का हमको वरदान दे दे
हम झुके तेरे चरणों में निशदिन,
तेरा आसरा हमको दे दे।
विनती….ll
हर वाणी में सरगम है तेरी,
तू हमें स्वर का राग सिखा दे
हर गीत बन जाए धड़कन,
नृत्य पे सुर लय ताल मिला दे
मन की वीणा के तार बजाकर
सुरमय संगीत हमारा कर देl
विनती….ll
हम गुणगान करते हैं तेरा,
तू हमें सच की राह दिखा दे
विनयशाली बन जाएं हम सब,
दिव्य बुद्धि का अमृत पिला दे
मन में ज्ञान का दीपक जलाकर,
जगमग जीवन ‘रिखब’ का कर देl
विनती….ll
#रिखबचन्द राँका
परिचय: रिखबचन्द राँका का निवास जयपुर में हरी नगर स्थित न्यू सांगानेर मार्ग पर हैl आप लेखन में कल्पेश` उपनाम लगाते हैंl आपकी जन्मतिथि-१९ सितम्बर १९६९ तथा जन्म स्थान-अजमेर(राजस्थान) हैl एम.ए.(संस्कृत) और बी.एड.(हिन्दी,संस्कृत) तक शिक्षित श्री रांका पेशे से निजी स्कूल (जयपुर) में अध्यापक हैंl आपकी कुछ कविताओं का प्रकाशन हुआ हैl धार्मिक गीत व स्काउट गाइड गीत लेखन भी करते हैंl आपके लेखन का उद्देश्य-रुचि और हिन्दी को बढ़ावा देना हैl