फूलों ने खुलकर खिलना छोड़ दिया,
हमने भी कई दिनों से हँसना छोड़ दियाl
हैं तो कई सारे मित्र दुनिया में हमारे,
पर हमने भी सबसे मिलना छोड़ दियाl
कहाँ तक याद करते रहें हम ही सबको,
हमने भी अब यादों में जीना छोड़ दियाl
मतलब निकाला है सबने हमसे यहां पर,
काम होते ही बात करना भी छोड़ दियाl
कैसे कहें तुमसे अब हालात क्या है मेरे,
कफ़स से निकलने का प्रयास छोड़ दियाl
उम्र तेरी हो लम्बी ‘ललित’ सौ सालों तक,
ये कहकर सबने मनाना अब छोड़ दियाll
#ललित सिंह
परिचय :ललित सिंह रायबरेली (उत्तरप्रदेश) में रहते हैं l आप वर्तमान में बीएससी में पढ़ने के साथ ही लेखन भी कर रहे हैंl आपको श्रृंगार विधा में लिखना अधिक पसंद है l स्थानीय पत्रिकाओं में आपकी कुछ रचना छपी है l