त्रेता से कलयुग तक भारत के गौरव का गान हैं वो, मर्यादा पुरुषोत्तम हर हिन्दू का स्वाभिमान हैं वो। वानर सेना के संग पूरा सागर पार किया जिसने, धर्म की जय हेतु दशानन का संहार किया जिसने। थोड़ी-सी उपलब्धि पाकर ज्यादा मद में फूलो मत, विश्व पटल पर सर्वश्रेष्ठ पुत्र […]

ज़माने बीत गए हैं उन्हें भुलाने में, हमारा ज़िक्र मगर है कहांँ फसाने में। जो अपने दरमियां दीवार हो गई हायल, तो सारी ज़िन्दगी लग जाएगी गिराने में। हवाले जिसके किया ऐशे ज़िन्दगी सब कुछ, दिखाई देता है मजबूर दिल लुभाने में। दहक रहा है जो दिल में अलाव यादों […]

रक्त आज भी भभक उठा, उस दिवस को याद कर जब काली थी अजब घटा, और शीतकाल का समर वज्र से थे हस्त भी,जो ढाने बाबरी चले, स्वयं बलि के दूत थे,जो लाने नरबलि चले जोश था जुनून था,शौर्य का सुरूर था, होश बेहिसाब था,सख्त-सा गुरूर था नेत्र में असत्य […]

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बाद मरने के उनको खबर लग गई,कब्र पे आ के आंसू बहाने लगे, आए हैं अब मेरे दरवाजे पे,छोड़कर जब जहां हम ये जाने लगे। वादे तो ना निभाए थे पहले कभी,आज रस्में सभी वो निभाने लगे, जीते जी जो कभी ना हमारे हुए,आज काँधे पे हमको उठाने लगे। कहने […]

  कहीं सुख है कहीं दुःख है, इसी का नाम दुनिया है। नहीं कुछ भी बिना, कठिनाइयों के जो मिले जग में। किसी भी और जाओ, आएंगें दुःख कष्ट तो मग में। कभी आशा चमकती है, निराशा का कभी तम है। वहीं नर वीर हैं जो दशाओं, में सदा सम […]

मोबाइल और कम्प्यूटर में उलझ गया है मन, लाओ ! चार किताबें दे दो जिसमें हो बचपन। दादी,नानी रही न संग में कौन सुनाए किस्से, अब तो केवल आधुनिक मम्मी-पापा हैं हिस्से। समय की दौड़ा-दौड़ी में वो खो गया नटखटपन। लाओ ! चार किताबें दे दो जिसमें हो बचपन। परी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।