शिक्षक यात्रा

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आज सखी ‘शिक्षक यात्रा’ पर हम पंख लगा लेते हैं,
सब कुछ भूलकर आज नई उड़ान भरते हैं।
भूल जाते हैं आज २०-४० उम्र का फासला,
जी लेते हैं आज मिलकर जो पल हमें  मिला।
वो सुबह उठकर घर की व्यस्तता,
सात बजे स्कूल पहुंचना,यही होता था पता।
स्कूल में तीन बजे तक बच्चों की जिम्मेदारी,
ऊपर से प्राचार्य और काम की जवाबदारी।
वो अंतिम काल में दिखता हुआ घर,
हापड़-थापड़ थी,पर लेना रहती थी घर की खबर।
राहत की साँस मिलती घर पहुंचकर,
शुरू होती फिर घर की जिम्मेदारी हम पर।
बच्चों की कक्षा-घर की व्यवस्था,
चलता फिर दौर,हो जाती रात नहीं चलता पता।
फिर एक सुबह हमारा कल इंतजार करेगी,
सुकून बस यही,हम ही तो देश का भविष्य संवारेंगी।
आज इस यात्रा पर दिल खोलकर हंस-जी लेते हैं,
कल फिर एक नया नागरिक बनाने की शपथ लेते हैं॥

                                                 #प्रेरणा सेंद्रे 

परिचय: प्रेरणा सेंद्रे  इन्दौर में रहती हैं। आपकी शिक्षा एमएससी और बीएड(उ.प्र.) है। साथ ही योग का कोर्स(म.प्र.) भी किया है। आप शौकियाना लेखन करती हैं। लेखन के लिए भोपाल में सम्मानित हो चुकी हैं। वर्तमान में योग शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।