बैंक में एक कुर्सी के सामने लंबी कतार लगी है। हालांकि,बाबू अपनी कुर्सी पर नहीं है। हर कोई घबराया नजर आ रहा है। हर हाथ में तरह-तरह के कागजों का पुलिंदा है। किसी को दफ्तर जाने की जल्दी है,तो कोई बच्चे को लेने शाला जाने को बेचैन है। इस बीच […]

अश्रू नयन के मोती हैं, नाहक नहीं गिरा  लेना। गहन वेदना के मरहम हैं, काम है मन सहला देना॥ ये पीड़ा के नहीं पक्षधर, हैं पीड़ित के बेबस हथियार। निकले नयन से मन मथकर, आँसू व्यथित हृदय के भार॥ हृदय-घाव पर उठे फफोले, वाष्पीकरण होकर गिरते। निकले जहाँ दर्द वही […]

मन की तुष्टि कर्म किया जो वही कहलाता आराधन, आत्म तुष्टि से कर्म भी कहलाता है बस आराधन। निज कर्तव्य हित करना ही कहलाता है  एक आराधन, इसीलिए तो कण-कण देखा बस करता हुआ आराधन। फूलों की है हँसी आराधन और सरिता गति आराधन, इक-दूजे की देखभाल भी लगती है […]

किसी ने न जलाई मोमबत्ती, अफ़ज़रुल ख़ान के लिए कोई भी न लड़ सकता उसके हताश,बेसहारा, परिवार के लिए। एक धधकता हुआ समाचार बनकर रह गई उसकी निर्मम हत्या, एक सीमित समुदाय तक जुड़कर रह गई संवेदनाएँ। क्योंकि वो एक मज़दूर था, वह बड़ा मजबूर था बिलख रहे हैं अब […]

अपने-अकेले क्षणों में तुम बहुत याद आते हो, खासकर जब चाय साथ पीते थे उस झूले पर जब साथ हाथ पकड़े पार्क में घूमते थे, जब एक रोटी का आखरी निवाला तुम चुपके से उठाकर खा जाते थे, जब गिलास का पानी पीकर फिर से मांगते थे, हर वो बात […]

मन की आँखें खोल के देखो ये संसार, चहुँओर प्रेम दिखेगा और दिखेगा प्यार। जो तुम्हारी आँखें देखती वो अक्सर सच नहीं होता, आँखों देखा हाल भी झूठ के बीज है बोता। मन होता है गंगाजल जैसा पावन और पवित्र, इसके अनुरुप तुम चलो और,बनो सबके मित्र। ह्रदय की कोमलता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।