सच की राह कहाँ आसान होती है, खुदी इसमें अपनी कुर्बान होती है। जलाना पड़ता है दिल ओरों के लिए, दफन इसमें अपनी पहचान होती है। अपने भी होते हैं खिलाफ़ कभी, फीकी उनकी भी कभी मुस्कान होती है। मुश्किलें होती हैं लाखों राहों में लेकिन, मुश्किलों में ही सच […]

ईंटों,पत्थरों से, बनाना चाहा था, घर; तोड़कर, विश्वास स्नेह, और हृदय अपनों का। स्वयं बनाईं दीवारें मगर, गला घोंटने लगीं; जब निगाहें उनके साथ को, तरसने लगींl आज मालूम हुआ, कि घर, बेजान ईंटों से नहीं; प्यार व अपनेपन से बनता है।                  […]

वफ़ा प्यार सादगी का ताज हैं बेटे, जो सुनते है सबकी वो इंसान है बेटे। रखा है मर्यादा को बरकरार आज तक, राम श्रवण विवेकानंद जैसे महान है बेटे। लगते आए हैं इन पर आरोप हमेशा, कुछ लोगों के लिए अभी अंजान है बेटे। किया कई ने नाम रोशन मां-बाप […]

5

माटी के संग माटी बन खुद माटी में रम जाते हैं, अभिनंदन उन मानस का जो रोटी हमें खिलाते हैं। तपती धूप उन्हें क्या कहती,बादल भी झुक जातें हैं, तूफानों की जुर्रत क्या,वो आकर हाथ मिलाते हैं, ऊसर बीज बने इक पौधा,ऎसे उसे सहलाते हैं। अभिनन्दन उन…॥ बच्चों की किलकारी […]

गरीबों का पुल होता है,अमीरों का `उड़न पुल`(फ्लाई ओवर)। पुल का इस्तेमाल गरीब लोग भी कर लेते हैं और अमीर भी। ठंड में `उड़न पुल` फैल जाते हैं और गरीब सिकुड़ जाता है। गरीब की सिकुड़न बढ़ जाती है और गरीबी पुटपाथ से खिसककर `उड़न पुल` के नीचे आ जाती है। पुलों का निर्माण नदी […]

पानी-पानी हो गया,पानी पानीदार। पनिया उतार देखि के,फफके पानी धार॥ जल ही जीवन है,सुनो,कहें-सुनें सब लोग। जग निरोग रहे कैसे,जल में है सौ रोग॥ पाप धोवन भुवन चली,बाढ़ हिं बढ़ता पाप। जहर लहर लखि,हे सखी! सिसके गंगा आप॥ गंग उमंग संग बहे,निर्मल सरस तरंग। ‘सावन’ मन पावन करे,बदले जीवन रंग॥ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।