बुलबुल(लघु फ़िल्म)

0 0
Read Time4 Minute, 11 Second
edris
इन्दौर।मुम्बई पहुँचते ही खास दोस्तों का जमावड़ा हुआ और लघु फ़िल्म ‘बुलबुल’ देखने के लिए संजय शेष ने कहा। फ़िल्म देखी तो उसके बारे में लिखे बिना नहीं रहा गया। यह फिल्म महज २५ मिनट की है,लेकिन साजो-सामान और बजट किसी आम फ़िल्म से कम नहीं है।
IMG-20171222-WA0005
स्थलों से लेकर कैमरा,सेट,कलाकार और संगीत आदि सभी पर पूरी ईमानदारी और शिद्दत से काम किया गया है। निर्माता-निर्देशक-कलाकार दिव्या कुमार घोसला की अदाकारी ने वाकई प्रभावित किया है। एक नृत्यांगना अपने प्यार को पाने के लिए क्या-क्या जतन करती है,यह फिल्म उस पर आधारित है।
फ़िल्म हॉलीवुड फिल्म ‘फिफ्टी फर्स्ट डेट’ की भी याद ताजा करती है। इस
फ़िल्म को लिखा है कुंदन शाह (जाने भी दो यारों) ने,जो अब दुनिया में नहीं रहे,  फ़िल्म उनको आदरांजलि मानी जाएगी।
आशीष पांडे के सधे हुए निर्देशन में फ़िल्म कमाल की बनी है। इसमें संवाद न के बराबर है,लेकिन बुलबुल का किरदार न केवल चुनौतीपूर्ण है,साथ ही जीने की चाह जगाता है,जो दिव्या ने निभाया है।  साथ में शिव पण्डित,एली अवराम मुख्य भूमिका में हैं।
यह फ़िल्म टी-सीरिज के यू ट्यूब चैनल पर दिसम्बर में ही प्रदर्शित की गई है, जहाँ इसकी दर्शक संख्या देखते ही बन रही है। इस छोटी फ़िल्म में गाना-‘तेरे बिन ओ साँझना’ भी है,जो दिल को छू जाता है।
इस फ़िल्म का पहले ट्रेलर,फिर गाना और उसके बाद प्रदर्शन किया गया है।
कहानी बुलबुल नाम की लड़की के इर्द- गिर्द घूमती है। बुलबुल बहुत चंचल तथा बिंदास है। वह अपने प्यार को पाने-लुभाने के लिए तरह-तरह के जतन करती है। फ़िल्म शुद्ध हास्य फ़िल्म है।
अपने प्यार को पाने,लुभाने में
क्या वह सफल हो पाती है,इसके जवाब के लिए आपको लघु फ़िल्म ‘बुलबुल’ देखना ही पड़ेगी।
दिव्या इसके पहले निर्देशन में जौहर दिखा चुकी है। फ़िल्म ‘यारियां’ और ‘सनम रे’ के पहले वह २००४ में अक्षय कुमार के साथ ‘अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों’ में भी अभिनय भी कर चुकी है
फ़िल्म निहायत शिद्दत से बनाते हुए  शिमला के खूबसूरत स्थानों में शूट की गई है, जो यूट्यूब पर देखी जा सकती है।

                                         #इदरीस खत्री

परिचय : इदरीस खत्री इंदौर के अभिनय जगत में 1993 से सतत रंगकर्म में सक्रिय हैं इसलिए किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं| इनका परिचय यही है कि,इन्होंने लगभग 130 नाटक और 1000 से ज्यादा शो में काम किया है। 11 बार राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व नाट्य निर्देशक के रूप में लगभग 35 कार्यशालाएं,10 लघु फिल्म और 3 हिन्दी फीचर फिल्म भी इनके खाते में है। आपने एलएलएम सहित एमबीए भी किया है। इंदौर में ही रहकर अभिनय प्रशिक्षण देते हैं। 10 साल से नेपथ्य नाट्य समूह में मुम्बई,गोवा और इंदौर में अभिनय अकादमी में लगातार अभिनय प्रशिक्षण दे रहे श्री खत्री धारावाहिकों और फिल्म लेखन में सतत कार्यरत हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

लघुकथा संग्रह  'प्रेम के रंग' का लोकार्पण २४ को

Fri Dec 22 , 2017
इन्दौर। साहित्य संस्था सृजन संवाद और श्री मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति द्वारा ख्यात साहित्यकार डॉ.सतीश दुबे के प्रथम पुण्य स्मरण पर उनकी अंतिम पुस्तक लघुकथा संग्रह  ‘प्रेम के रंग’ का लोकार्पण कार्यक्रम २४ दिसम्बर रविवार को शाम 4 बजे रखा गया है। संवाद की अध्यक्षा दीपा व्यास ने बताया […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।