Read Time2 Minute, 16 Second
दिलो की बात दिलवाले जानते है /
प्यार का दर्द सिर्फ परवाने जानते है /
दो जवां दिलो का गम दूरियां समझती है …।
कौन याद् करता है हिचकियां समझती है…।1।
जब भी एक को दर्द या गम होता है /
जलना तो दोनों को ही पड़ता है /
तभी तो सच्चा साथी बनाकर वो /
हम सफर बनाने के लायक बनता है /2/
उम्र छोटो हो या बड़ी /
प्यार का रंग हर किसी पर चढ़ाता है /
कुछ लोग इस प्यार से निखार जाते है /
और कुछ लोग हमेशा के लिए बिखर जाते है /३/
प्यार प्यार करके भी कुछ तो हासिल कर सकते है /
जैसे मीरा ने प्यार किया था श्याम से /
तो वो एक प्यारी सी श्याम की सखी बन गई /
श्याम के रंग की चुनरिया उड़ कर दीवानी बन गई /४/
दीवानी बन गई ……., और हरी हरी गाने लगी /
मीरा तो श्याम की दीवानी बन गई //
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।
Post Views:
475