काश! पुनः लौटकर वह प्यारा बचपन आता

0 0
Read Time2 Minute, 7 Second

काश! पुनः लौटकर वह प्यारा बचपन आता।
ठुमुक-ठुमुक चलते हुए पाठशाला जाता।।

गुरूजी का डण्डा देख मन में सकपकाता।
छिप- छिपकर कक्षा में कुछ न कुछ खाता।।

चोर लिखकर पीठ पर, खूब खिलखिलाता।
जब वह पूछता,”किसने लिखा?”तो मुस्कुराता।।

बस्ता में बस्ता बाँध , एक दूजै को लड़ाता।
काश! पुनः लौटकर वह प्यारा बचपन आता।
ठुमुक-ठुमुक चलते हुए पाठशाला जाता।।

सिसकते हुए ‘सावन’, मैम के पास जाता।
एक में दो जोड़कर, साथी को पिटवाता।।

पिटाकर जब रोता तब उसको खूब चिढाता।
कलम, दवात, पटरी भी चतुराई से चुराता।।

मुरझाए हुए पुहुप सा पकड़ाने पर मुरझाता।
सबके सामने झूमकर चिल्लाते हुए पढा़ता।।

कक्षा-कप्तान बनकर कक्षा में रोब जमाता।
काश! पुनः लौटकर वह प्यारा बचपन आता।
ठुमुक-ठुमुक चलते हुए पाठशाला जाता।।

गुरूजी प्रश्न पूछते तो टपाटप बताता।
मन लगाकर पढता,कम से कम बतियाता।।

वही काम करता जो कहती प्यारी माता।
पापा जिधर कहते, उसी दिशा में जाता।।

गन्ना के रस जैसा सरस रखता सबसे नाता।
गुरूजी कहते,”शिष्य बनेगा भारत भाग्य विधाता।। “

जीवन के उपवन को सदा मधुवन सा सजाता।
कठिन परिश्रम करता, श्रद्धा से सिर झुकाता।।

रूठे हुए साथियों को प्यार से मनाता।
नन्हें -मुन्ने बच्चों बीच कविता सुनाता।।
काश! पुनः लौटकर वह प्यारा बचपन आता।
ठुमुक-ठुमुक चलते हुए पाठशाला जाता।।

  सुनील चौरसिया 'सावन'
  प्रवक्ता 
  केन्द्रीय विद्यालय टैंगा वैली, पश्चिम कमेंग, अरूणाचल प्रदेश 

matruadmin

Next Post

जगन रेड्डी की उल्टी पट्टी

Sat Nov 16 , 2019
आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने सांप की बाॅबी में हाथ डाल दिया है। उन्होंने उप-राष्ट्रपति वेंकय्या नायडू, आंध्र के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और आंध्र के अन्य नेताओं को अपने एक ऐसे तर्क में लपेट लिया है, जो मूलतः गलत है लेकिन जिसने सभी नेताओं की बोलती बंद कर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।