हिन्दी के लिए जनसमर्थन मांगेंगे डॉ. जैन

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*देशभर में भ्रमण कर मातृभाषा उन्नयन संस्थान लोगों को करेगा हिन्दीभाषा के लिए जागरुक*
इंदौर | हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के समर्थन के लिए मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ ने सोमवार से जनसमर्थन अभियान की शुरुआत की।
देश की 100 बड़ी साहित्यिक हस्तियों के साथ लगभग हर राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिलेंगे डॉ. जैन व उनका दल।
बता दें कि हस्ताक्षर बदलो अभियान को एक साल पूरे होने पर संस्थान के अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए जनसमर्थन अभियान की शुरुआत की है।
इस अभियान के तहत संस्थान के अध्यक्ष देश की 100 बड़ी साहित्यिक हस्तियों से मिलेंगे और उनका सम्मान भी करेंगे इसके अलावा संस्थान के पदाधिकारी, प्रदेश अध्यक्षों समेत संस्थान के 1000 वरिष्ठ भाषासारथी, हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए 10 हजार से ज्यादा प्रसिद्ध व्यक्तियों से मुलाकात करेंगे।
*इससे पहले इन हस्तियों से मिल चुके हैं जैन*
गौरतलब है कि सबसे पहले डॉ.अर्पण जैन अविचल ने हरिद्वार जाकर स्वामी रामदेव जी से मुलाकात की थी, उसके बाद वरिष्ठ पत्रकार डॉ.वेद प्रताप वैदिक से दिल्ली जाकर मिले थे, अग्रज कवि राजकुमार कुम्भज का भी समर्थन प्राप्त किया और फिर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री उमा भारती, रामदास आठवले से मिलकर भी हिन्दी के लिए समर्थन मांगा और उनको हिन्दीग्राम व मातृभाषा उन्नयन संस्थान की उपलब्धियों के बारे में बताया था।
डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ का लोगों से संपर्क करने का एक अपना तरीका है। हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के महाअभियान  कोआने वाले दिनों में डॉ.जैन व दल कुछ प्रमुख लोगों से मुलाकात का सिलसिला जारी रखेंगे। उक्त जानकारी संवाद सेतु रोहित त्रिवेदी ने दी ।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।