“इंसान हूँ”

0 0
Read Time1 Minute, 42 Second
keshav
मैं इंसान हूँ,इंसान!
माना कि!दुनिया में,
हालात का मारा हूँ,
मैं एक बेसहारा हूँ,
जीती बाजी हारता हूँ,
लेकिन!मैं टूटता नहीं,
कड़े पत्थरों के तरह,
डटकर खड़ा रहता हूँ,
एक सिपाही की तरह,
फिर सामना करता हूँ,
मैं इस उम्मीद में,की!
अब मैं जीत जाऊंगा।
मैं सपने भी देखता हूँ,
मैं अपने भी देखता हूँ,
मैं पतझड़ भी सहता हूँ,
तेज ताप भी सोखता हूँ,
हर दफे कुछ सीखता हूँ,
और कुछ भूल जाता हूँ,
क्योंकि!
मैं हर एक नया सवेरा,
और हर एक नयी सांझ,
इस उम्मीद से जी रहा हूँ,
की अब मैं जीत जाऊंगा।
मैं कभी भी!
कठिनाइयों में बिखरा नहीं,
दुःखों से भी घबराया नही,
मेरे लिए कोई पराया नहीं,
सम्पूर्ण विश्व एक परिवार है,
हम सभी मे व्याप्त प्यार है,
और सभी का यही स्नेह!
मुझे कभी भी टूटने नहीं देती,
आंसू आंखों से छूटने नहीं देती,
मेरे दिल में उम्मीद जगाती है,
एक नया अहसास दिलाती है,
की!मैं कोई टूटा पत्थर नहीं,
जो फिर से जुड़ ना पाऊंगा,
मैं एक इंसान हूँ,इंसान!
अब मैं जीत ही जाऊंगा।।

            #केशव कुमार मिश्रा

 परिचय: युवा कवि केशव के रुप में केशव कुमार मिश्रा बिहार के सिंगिया गोठ(जिला मधुबनी)में रहते हैं। आपका दरभंगा में अस्थाई निवास है। आप पेशे से अधिवक्ता हैं।

Arpan Jain

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

'मिले मुद्दते यारा हो गया'

Mon May 7 , 2018
दर्द के दरिया में बहते जमाना हो गया! तुम मिले डूबते को तिनके का सहारा हो गया! मिटा न पाओगे अब ये हँसी मेरे होठों की खुशियों का मसीहा ही जब हमारा हो गया! ईद पर वो आए हैं घर मेरे मेहमां बन कर गले मिलने को आज हंसी बहाना […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।