परिचय: कुमारी अर्चना वर्तमान में राजनीतिक शास्त्र में शोधार्थी है। साथ ही लेखन जारी है यानि विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में निरंतर लिखती हैं। आप बिहार के जिला-पूर्णियाँ ( हरिश्चन्द्रपुर) की निवासी हैं।
Read Time56 Second
तुम अतुलनीय हो,
गूढ़ अर्थगर्भित भरा तुममें
अकथ्य बन चुके अब तो,
तभी मैं नहीं समझ पाई।
तुम अनुपम हो,
सदा अपठ्य रहे मेरे लिए
मैं शब्दों में वर्णन नहीं कर सकती।
तुम असीम हो,
तुम आओगे वापस
मैं अब अप्रत्याशित हो चुकी हूँ।
तुम अनासक्त हो,
अंतर्यामी हो मेरे तन-मन के
देव ना होकर भी देवतुल्य हो,
इसलिए आज भी मेरे अजीज हो॥
#कुमारी अर्चना
Average Rating
5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%
पसंदीदा साहित्य
-
February 27, 2018
सृजन
-
April 20, 2020
पास बुलाती है
-
September 6, 2018
डॉ शम्भु नाथ सिंह शोध संस्थान सम्मान समारोह
-
November 15, 2019
स्मृति
-
January 16, 2018
तिरंगा शान है अपनी