हृदय में करुणा भर कर सबका सम्मान रूप और यौवन पर मत कर अभिमान परिश्रम से ही होता हर स्वप्न साकार ईर्ष्या और घृणा से मिलता नहीं प्यार ज्ञान से ही संभव है मनुज का उत्थान कर्मों से ही बनती है एक अलग पहचान ✍️मनीषा कुमारी आर्जवाम्बिका अररिया (बिहार) Post […]

प्रभावशाली होती थी बातें उनकी उनकी खामोशियों में भी थी ताक़त लिखीं कविताएँ उन्होंने ओजस्वी उनके व्यक्तित्व में थी सदाक़त प्रधानमंत्री भारत के दसवें थे वो फिर भी जीवन रहा सदैव सादा ऐसे थे अटल बिहारी वाजपेयी अटल था उनका हर एक इरादा मनीषा कुमारी आर्जवाम्बिका अररिया(बिहार) Post Views: 383

नहीं था वह हिन्दू ना केवल मुसलमान उसके हृदय में था संपूर्ण हिंदुस्तान विज्ञान को दिया जिसने एक नवीन आयाम ऐसे थे हम सबके ए पी जे अब्दुल कलाम मनीषा कुमारी आर्जवाम्बिका ररिया (बिहार) Post Views: 408

सूई चलती हैं कपडे़ के ऊपर….. बेहतरीन पोशाक बनाने के लिए, हर चुभने वाली चीज का मकसद बुरा नहीं होता….!! कोई विश्वास तोड़े तो उसका भी धन्यवाद करें….! वह हमे सिखाते हैं की,, विश्वास बहुत सोच समझकर करना चाहिए….!! सुंदरता सस्ती हैं, चरित्र महंगा हैं,, घड़ी सस्ती हैं, समय महंगा […]

जब उम्र बढ़ जाएगी इत्र की जगह आयोडेक्स की खुशबू आएगी कहता हूँ अब भी मिल लो ये घड़ियाँ पलटकर नहीं आएंगी अभी तो आँखो मे नूर बाकी है फिर खूबसूरती नज़र नहीं आएगी अभी तो यार होंगे अपने साथ फिर केवल छड़ी ही नज़र आएगी आवाज़ सुन लो दोस्तों […]

सुकून उतना ही देना, मालिक जितने से जिंदगी गुजर जाए, औकात बस इतनी देना, कि, औरों का भला हो जाए, रिश्तो में गहराई इतनी हो, कि, प्यार से निभ जाए, आँखों में शर्म इतनी देना, कि, बुजुर्गों का अदब रख पायें, साँसे जिस्म में इतनी हों, कि, बस नेक काम […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।