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अंतर के तिमिर मिटा दो माता।
ज्ञान की नवज्योति जला दो माँ॥
सदबुद्धि दे सबको माँ तू शारदे।
भवसागर से हम सबको तार दे॥
निर्मल मन में आकर माता तू।
हम सबके सोए भाग जगा दे॥
गीत के नव शब्द देकर माँ हमें।
नव सृजन की लेखनी थमा दे॥
संगीत की झनकार गुंजा दे माँ।
टूटे-फूटे इन शब्दों को सजा दे॥
देश उन्नति की ओर हो अग्रसर।
सबके मन में हिन्दुस्तान बसा दे॥
#राजेश कुमार शर्मा ‘पुरोहित’
परिचय: राजेश कुमार शर्मा ‘पुरोहित’ की जन्मतिथि-५ अगस्त १९७० तथा जन्म स्थान-ओसाव(जिला झालावाड़) है। आप राज्य राजस्थान के भवानीमंडी शहर में रहते हैं। हिन्दी में स्नातकोत्तर किया है और पेशे से शिक्षक(सूलिया)हैं। विधा-गद्य व पद्य दोनों ही है। प्रकाशन में काव्य संकलन आपके नाम है तो,करीब ५० से अधिक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा आपको सम्मानित किया जा चुका है। अन्य उपलब्धियों में नशा मुक्ति,जीवदया, पशु कल्याण पखवाड़ों का आयोजन, शाकाहार का प्रचार करने के साथ ही सैकड़ों लोगों को नशामुक्त किया है। आपकी कलम का उद्देश्य-देशसेवा,समाज सुधार तथा सरकारी योजनाओं का प्रचार करना है।
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