कुछ बाकी

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sumit

बहुत जी चुके इन वीरानों में,बस साँसों का जाना बाकी है,
इस सूने आगार में दिल के तेरा आना बाकी है..।

बाकी है तेरे हाथों से कुछ जाम सुनहरी रातों में,
बाकी है विलय मेरा हो जाना,तेरी झील-सी गहरी आंखों में,
हाथों में लेकर हाथ वो चलना,पथरीली पंगडंडी पर
भरी दोपहरी में खेतों पर तेरा खाना लाना बाकी है ..।

छुअन से तेरी इस काया में झंझावत-सा उठ जाना,
झड़ते आँखों से मोती तेरे, मुझे पिरोने बाकी है …।

करके वादा फिर आएंगे तेरा जल्द चले जाना,
चादर की सिलवटों मे तेरी ख़ुशबू आना बाकी है …।

हसती आँखों ने यूं तेरी,जो गमों के सागर बांधे हैं,
रखकर इन कंधों पर सर तेरा, तुझे सुलाना बाकी है….।

सज़ा रखा है हर कमरों में,चिलमन तेरे विचारों का,
हर कलियाँ और फूल खिले हैं,बस हमारा मिलना बाकी है ….।

मैंने तो इस ढलते जीवन का सार तुझी में पाया है,
और एक तू है,तुझे अभी मुझे जानना भी बाकी है …..

                                                                            #सुमित अग्रवाल

परिचय : सुमित अग्रवाल 1984 में सिवनी (चक्की खमरिया) में जन्मे हैं। नोएडा में वरिष्ठ अभियंता के पद पर कार्यरत श्री अग्रवाल लेखन में अब तक हास्य व्यंग्य,कविता,ग़ज़ल के साथ ही ग्रामीण अंचल के गीत भी लिख चुके हैं। इन्हें कविताओं से बचपन में ही प्यार हो गया था। तब से ही इनकी हमसफ़र भी कविताएँ हैं।

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।