तुम
एक प्यार हो,
जिसमें भाव है
भंगिमा है,
राग है,द्वेष है
और एक अनजानी-सी
पीड़ा भी,
पर मेरा दिल
स्थिर है
क्योंकि मैं अकेला हूँ,
तुम जिस पथ पर
खड़ी हो आज
बचपन में
बहुत घूमा हूँ मैं,
बहुत खेला हूँ
जीवन को
बनाओ तो ऐसा
कि जीवन
बहती धार हो,
तुम एक प्यार होll
#अजीतसिंह चारण
परिचय:- अजीतसिंह चारण का रिश्ता परम्पराओं के धनी राज्य राजस्थान से है। आपकी जन्मतिथि-४ अप्रैल १९८७ और शहर-रतनगढ़(राजस्थान)है। बीए,एमए के साथ `नेट` उत्तीर्ण होकर आपका कार्यक्षेत्र-व्याख्याता है। सामाजिक क्षेत्र में आप साहित्य लेखन एवं शिक्षा से जुड़े हुए हैं। हास्य व्यंग्य,गीत,कविता व अन्य विषयों पर आलेख भी लिखते हैं। आपकी रचनाएं पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं तो राजस्थानी गीत संग्रह में भी गीत प्रकाशित हुआ है। लेखन की वजह से आपको रामदत सांकृत्य साहित्य सम्मान सहित वाद-विवाद व निबंध प्रतियोगिताओं में राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर अनेक पुरस्कार मिले हैं। लेखन का उद्देश्य-केवल आनंद की प्रप्ति है।