देशवासियों जागो जागो,
सबको अब जग जाना है।
मायूसी और अंधकार को,
मिलकर दूर भगाना है॥
ढोंगी बाबाओं से दूर रहो,
चक्कर में फिर न,आना न।
मृत्यु भय से डर जाना न,
मकड़जाल में फंस जाना न॥
ये भक्तों ,श्रद्धालु को लूट,
विश्वासघात कर जाते हैं।
योगी से बन कर भोगी…,
वीभत्स रुप दिखलाते हैं॥
ये स्वयं, स्वयं भू भगवान,
बनकर प्रकट हो जाते हैं।
असलहा, गुण्डों के बल पर,
स्वयं सरकार बन जाते हैं॥
भयमुक्त समाज बनाना है,
जो दबंग है और माफिया।
मिलकर सबक सिखाना है,
भयमुक्त समाज बनाना है॥
#हरीश कुमार वर्मा
परिचय: हरीश कुमार वर्मा का जन्म स्थान-इलाहाबाद तथा जन्मतिथि-६ जनवरी १९५७ है। आप उत्तर प्रदेश राज्य के शहर-इलाहाबाद में ही निवासरत हैं। एमए की शिक्षा हासिल करने के बाद आपका कार्यक्षेत्र-रेलवे रहा,जहां से आप वर्तमान में सेवामुक्त हैं। सामाजिक क्षेत्र में आप रेल कल्याण संगठन सहित मित्र संघ आदि संस्थाओं से जुड़कर कार्यरत हैं। आपके लेखन का उद्देश्य-सामाजिक जागरुकता लाना है,इसलिए कविता लिखते हैं।