जल नहीं बचाया तो भुगतने होगे गंभीर परिणाम

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jagtar chaman
पानी प्रत्येक प्राणी के लिए अनमोल है,इसकी दिन-प्रतिदिन कमी धरती के लिए खतरा बन गई है l कुछ स्थान ऐसे भी है,जहाँ  लोगों को पीने का पानी बमुश्किल ही मिल पा रहा है l राजस्थान में कुछ जगह तो औरतें  दूर-दूर से मटके सिर पर रखकर पीने का पानी पैदल ढोती है l आज के युग में आबादी के साथ-साथ ओद्योगिक गति बढ़ना भी इन संसाधनों को नष्ट कर रहा है l जल का अधिक मात्रा में दुरूपयोग हो रहा है,जो दु:खद है l
दूसरा कारण पेड़-पौधों की अधिक कटाई से वर्षा का कम होना भी प्रमुख समस्या है l फसलों का सूखना,पीने के पानी में कमी भी प्रमुख समस्या इसी कारण उत्पन्न हो रही है l हमारे देश में उत्तरी जगह के अलावा जल की मात्रा मौसम के अनुसार होते हैं बाढ़ के कारण जल का बह जाना,जिससे कुओं का खाली हो जाना भी है l प्रत्येक प्राणी का कर्तव्य है कि,पानी को संभालकर उपयोग में लाए l गंदे पानी को साफ करके फसलों के उपयोग में लाएं और पानी को व्यर्थ न बहाएं l जरूरत से ज्यादा इसका दुरूपयोग न करें l पानी ईश्वर का वरदान है,ये हमारे जीवन का एक मुख्य अंग है,  तो आओ मित्रों,आज से ही हम प्रण करें कि,पानी की बूंद-बूंद बचाएँ l

                                                                     #जगतार चमन

परिचय : जगतार चमन का निवास राजस्थान के अनूपगढ़ (जिला गंगानगर) में रहते हैंl आपको निरंकारी बाबा हरदेवसिंह महाराज व उस्ताद कवि विकर मानक जी ने ‘चमन’ उपनाम दिया हैl आपको कुछ सम्मान भी मिले हैंl 

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।