ग़ज़ल: इश्क़

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shivkumarbilgrami
हँसते रहते हो ग़म ओ रंज छुपाने के लिए,
तुम भी क्या ख़ूब पहेली हो ज़माने के लिए।ख़ुद से रुठे हुए क्यों बैठे हो तन्हाई में,
कौन आएगा यहाँ तुमको मनाने के लिए।

ग़म भुलाने की कोई और ही अब राह करें,
मयकशी राह नहीं ग़म को भुलाने के लिए।

अश्क़ पीने से तपिश और भी बढ़ जाती है,
बहने दो अश्क़ ये होते हैं बहाने के लिए।

इश्क़ जब हो ही गया है तो शिकायत क्या है,
इश्क़ होता ही है कमबख़्त सताने के लिए॥

                                                         #शिवकुमार बिलगरामी
परिचय : शिवकुमार बिलगरामी आज के दौर के ऐसे गीतकार / शायर हैं,जो अपने मौलिक लेखन चिंतन के लिए जाने जाते हैं। उत्तरप्रदेश के हरदोई जिला की बिलग्राम तहसील में १२ अक्टूबर १९६३ को  जन्मे शिवकुमार बिलगरामी ने लखनऊ विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में एम.ए. किया और उसके बाद दिल्ली में पत्रकारिता पेशे को अपनाकर अपने भविष्य की शुरुआत की। सम्प्रति से आप भारतीय संसद में संपादक के पद पर कार्यरत हैं। श्री बिलगरामी के गीतों-ग़ज़लों में इतनी अधिक गेयता और नयापन है कि, देश विदेश के कई गायक आज इनके  गीतों-ग़ज़लों को अपनी आवाज़ दे रहे हैं। आपका पहला संग्रह वर्ष २०१५ में ‘कहकशाँ'(ग़ज़ल संग्रह) प्रकाशित हुआ है। आपका निवास उत्तर प्रदेश के गाज़ियबाद स्थित इंदिरापुरम में है।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।