वर्दियां

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ashmani
सबसे कह रही है वर्दियां।
जुल्म सह रही है वर्दियां॥
आज सड़कों पर होता अपमान है।
खाकी के साथ रोता संविधान है॥
आज कानून यहाँ मानता कौन है।
कातिल छोड़ दो,मंत्री का फोन है॥
चल रही शीत लहर बह रही सर्दियां,
सबसे कह रही है वर्दियां।
जुल्म सह रही है वर्दियां॥
अधिकारियों पर सब अधिकार है।
हमारे हालातों के वो जिम्मेदार हैं॥
क्या बचा अब हमारे लिए खास है।
जन्मदिन बच्चे का,मिला नहीं अवकाश है॥
लड़ी है हमसे हमारी बीवियां,
सबसे कह रही है वर्दियां।
जुल्म सह रही है वर्दियां॥
जिन्दगी हमारी बस एक संदूक है।
कंधे पर हमारे एक भारी बंदूक है॥
खाना वक्त पर हमको मिलता नहीं।
बिन खाए पूरा दिन चलता नहीं॥
खाकी दिन-रात साथ-साथ है।
फिर भी भ्रष्टाचार में सने हाथ है॥
आज यहाँ-कल वहाँ,परसों का पता नहीं।
१८६१ आज तक हम पर से हटा नहीं॥
घर परिवार हमसे बहुत दूर है।
हम खाकी वाले मजबूर हैं॥
अपनी कलम के साथ खाकी वालों का जुनून  मांगता हूँ मैं।
खाकी वालों के लिए संसद से नया कानून मांगता हूँ मैं॥
आज सत्ता महान है,खामोशी का समय है दोस्तों।
काम सही होगा नहीं, चापलूसी का समय है दोस्तों॥
सड़कों पर है नेताओं की गुंडागर्दियां,
सबसे कह रही है वर्दियां।
जुल्म सह रही है वर्दियां॥
                                                                           #अश्मनी विश्नोई
परिचय : अश्मनी विश्नोई का सम्बन्ध भारत के सबसे बड़े राज्य-उत्तर प्रदेश से है। आपकी जन्मतिथि-२०अगस्त १९९८ एवं जन्म स्थान-ग्राम मुजाहिदपुर (स्योहारा,जिला बिजनौर)है। स्योहारा शहर में ही रहने वाले अश्मनी की  शिक्षा-बी.ए.( हिन्दी साहित्य)जारी है, और सामाजिक क्षेत्र में पत्रकारिता करते हुए वीर रस से काव्य रचते हैं। पत्रकारिता क्षेत्र में आपकी सक्रियता ने आपको सम्मान दिलाया है,क्योंकि आपके लेखन का उद्देश्य-समाजसेवा ही है।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।