शराब

0 0
Read Time1 Minute, 31 Second
arvind
न पीते गर तुम शराब,गांजा तो सोचो क्या होता,
तुम्हारे बीबी,बच्चे कितने रहते खुश और क्या-क्या होता।
तुम्हारे बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़ते,नहीं कभी सिर नीचे होता,
सभी के सामने पापा को लाने में नहीं कोई झिझकपन होता।
खूब, हंसते-हंसाते,संग में अपने मम्मी-पापा के,और कितना मजा होता,
तुम भी अपने बच्चों के संग बड़े खुश होते,नहीं कोई तुमसे दूर होता।
एक सुंदर स्वस्थ परिवार कितना प्यारा होता,हर कोई-हर किसी का राजदार होता,
नहीं किसी को कोई संकोच होता,हर कोई-हर किसी का अपना भी होता।
हर किसी के तुम होते और हर कोई तुम्हारा होता,
तुम्हारा अपना संसार बड़ा सुंदर होता॥

                                                                     #अरविंद ताम्रकार ‘सपना’

परिचय : श्रीमति अरविंद ताम्रकार ‘सपना’ की  शिक्षा एमए(हिन्दी साहित्य)है।आपकी रुचि लेखन और छोटे बच्चों को पढ़ाने के साथ ही जरुरतमंद की सामर्थ्यानुसार मदद करने में है।आप अपने रचित भजन खुद गाकर व लेखन द्वारा अपने मनोभावों को चित्रित करती हैं। सिवनी(म.प्र.)के समता नगर में आप रहती हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

राष्ट्र वंदन

Wed Aug 2 , 2017
आओ जन्म भूमि की वंदना करें, राष्ट्र  वंदना करें। शस्य श्यामला धरा प्रबुद्ध शुद्ध हो, रोटी,कपड़ा और मकान सर्व सिद्ध हो, हर नवजात एक कृष्ण बुद्ध हो, कृष्ण बुद्ध हो। एक विशिष्ट राष्ट्र की कामना करें, आओ वंदना करें। वरदहस्त हमपे भारती का रहे, हर जगह प्रकाश आरती का रहे, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।