आक्सीजन

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इन दिनों चारो तरफ ही तो
प्राणवायु के लिए संघर्ष है
फेफड़े जवाब दे रहे है
सांसे बार बार उखड़ रही है
आक्सीजन लेवल घट रहा है
हे राम, यह क्या हो रहा है
बूढ़े,जवान,अब बच्चों की बारी
कैसी है जीवन की लाचारी
मगर यह तो होना ही था
आक्सीजन लेवल घटना ही था
कभी हर घर मे पेड़ होता था
घर मे आंगन, मुंडेर होता था
घेर मवेशियों का ठिकाना था
घेरो में चिड़ियों का चहचहाना था
बडे बडे बाग ,खेत लहलहाते थे
अनाज,फल सब्जी घर की खाते थे
आधुनिकता की हवा ने गांव उजाड़े
गांव छोड़ शहर जाने लगे सारे
किसान शहर में नोकर हो गए
घरों से निकल फ्लैट में सिमट गए
भौतिक दूरी घटती चली गई
दिलो की दूरी बढ़ती चली गई
बाग कटते रहे,खेत बिकते रहे
कंक्रीट के जंगल बढ़ते ही रहे
आक्सीजन लेवल घटना ही था
कार्बन डाइऑक्साइड बढ़ना ही था
ऐसे में खता ही क्या है कोरोना की
मर्ज बढ़ता ही गया नही कोई दवा की
कुंभ, चुनाव, शादियां जारी रही
कोरोना महामारी हम पर भारी रही
कितने ही चले गए कितने आहत है
आक्सीजन को लेकर झंझावात है
एक नही कई आक्सीजन फैक्ट्री
देश मे जगह जगह लगायी जाएगी
फैक्ट्री के लिए अड़चन बन रहे
पेड़ो की शहादत दी जाएगी
आक्सीजन की कमी दूर की जाएगी।
डॉ श्रीगोपाल नारसन
रुड़की,उत्तराखंड

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।