संग लेकर फेरे साथ पिया,
तन मन से तुझे अपनाया है।
बस ऐसे ही मेरे प्यारे पिया,
मुझको भी अपनाओ ना!
तेरे नाम की चूड़ी,बिंदिया,
और सिंदूर लगाया है।
तुम भी कुछ मेरे पिया,
मेरे नाम का लगाओ ना!
मैंने तेरे लिए ही मेरे पिया
करवाचौथ मनाया है।
तुम भी तो कभी मेरे लिए,
कोई दिवस मनाओ ना!
बोले पराई दुनियाँ मुझको,
पराए घर से मैं आई हूँ।
कम से कम तुम मेरे पिया,
मुझपे ऐसे इल्ज़ाम लगाओ ना!
अपने परिवार के जैसे पिया,
परिवार तेरा अपनाया है।
तुम भी तो जरा मेरे पिया,
मेरे पीहर को अपनाओ ना!
करती हूँ सबकी सेवा पिया,
सम्मान सभी का करती हूँ।
तुम भी तो मेरे प्यारे पिया,
मेरे माँ पिता को रुलाओ ना!
डोली चढ़कर हूँ आई पिया,
अर्थी पर ही जाऊँगी।
मरने के बाद ना ही सही,
जीते जी साथ निभाओ ना!
सुन एक अरज तू मेरे पिया,
जो कहना वो कह लो तुम।
ज़रा ज़रा सी बातों पर यूँ,
मुझसे रूठ कर जाओ ना!
हो यदि कोई गलती मुझसे,
बेशक डांट लगाओ मेरी।
मेरे हमदम ओ मेरे पिया,
फिर प्यार से गले लगाओ ना!
स्वरचित
सपना (सo अo)
प्राoविo-उजीतीपुर
विoखo-भाग्यनगर
जनपद-औरैया