मानवता के दीप जलाएं,
आओ हम सब मिलकर अब l
मानवता के दीप जलाएं,
रोशन करें हम जग को अब l
आओ हम दीवाली मनाएं,
मन का अहंकार मिटाएं l
खुशियां हम मिलकर फैलाएं,
आओ हम सब मिलकर अब l
मानवता के दीप जलाएं…ll
दीप जले चाहे माटी के,
या मोमबत्ती से हो रोशन l
दीया बाती तेल से सीखें,
मोम पिघलकर जग रोशन l
दीया एक अब हम बन जाएं,
उजियारा चहुंओर फैलाएं l
आओ हम सब मिलकर अब,
मानवता के दीप जलाएं…ll
प्रेम-भाव की हों फुलझड़ियां,
सम्पन्नता की खिलें तब कलियां l
खुशियों की हो आतिशबाजी,
धरा बचे,न हो करतबबाजी l
हो न प्रदूषण मिलकर सोचें,
धरा हैं सुंदर हम इसकों सींचें l
प्यारी धरा तब हों वृक्ष लताएं,
पर्यावरण भी आओ बचाएंग l
आओ हम सब मिलकर अब,
मानवता के दीप जलायें….ll
हो मिठास मिठाईयों जैसी,
वाणी मधुरता कोयल जैसी l
राग-द्वेष का मिटे अंधियारा,
प्रेम भाव का हो उजियारा l
मिलकर ज्ञान के दीपक से,
आओ रोशनी हम फैलाएं l
आओ हम सब मिलकर अब,
मानवता के दीप जलाएंग…ll
रोशन करें हम जग को अब,
आओ हम दीवाली मनाएं…ll
#भुवन बिष्ट
परिचय: भुवन बिष्ट का जन्म स्थान-रानीखेत और जन्म १ जुलाई १९८० को हुआ हैl आपका निवास मौना (रानीखेत) जिला-अल्मोड़ा (
उत्तराखंड) में हैl आपने परास्नातक के साथ ही बी.एड.भी किया हैl साथ ही मास्टर इन कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर टेक्नोलाजी,डिप्लोमा इन हार्डवेयर टेक्नोलाजी एन्ड नेटवर्किंग भी किया हुआ हैl निरंतर प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कविता,लेख तथा कहानी लेखन आदि प्रकाशित होते हैंl आपको काव्य भूषण सम्मान,बाल कविता लेखन में पुरस्कृत,भारत विकास परिषद द्वारा सम्मान मिला हैl आकाशवाणी अल्मोड़ा से रचनाओं का प्रसारण,रेडियो स्टेशन कुमांऊ से भी रचनाओं का प्रसारण हुआ हैl प्रकाशित पुस्तकोण में `जीवन एक संघर्ष`(काव्य संग्रह)हैl कुछ प्रकाशन प्रक्रिया में हैंl