लोग मेरी मुस्कान का
राज पुछते हैं I
क्योंकि,
मैंने कभी दर्द की
नुमाइश नहीं की I
जिंदगी से जो मिला
कबूल किया I
किसी चीज की
फरमाइश नहीं की।।
मुश्किल है समझ पाना मुझे I
क्योंकि,
जीने के अलग है
अंदाज मेरे I
जब जहां जो मिला
अपना लिया I
ना मिला उसकी
ख्वाहिश नहीं की।।
भले ही लोगो ने
मुझे दर्द लाखो दिए।
क्योकि ,
मैंने हमेशा परिस्थितियों से लड़ना जो सीखा।
कामयाबी मिल गई तो भी ज्यादा खुश नहीं हुआ।
न मिली तो भी अपने
गमो की शिकायत नहीं की।।
जब भी सफलता ने
मेरे कदमो को चूमा।
क्योंकि,
मैंने संघर्ष करने से
कभी हार जो न मानी।
दिलो जान से हमने
इसे जो अपनाया है।
परीक्षा फल आने पर भी
इसे हमने तबज्जो न दिया।।
मेरा जिंदगी को जीने का
लोगों यही राज है।।
संजय जैन (मुंबई)