नमन करते है उन शहीदों को,
जिन्होंने अपनी जान थी गवाई |
ब्रिटिश हकूमत में जिन्होंने,
फांसी की सजा थी पाई ||
सच्चे सपूत थे भारत के वे ,
अपना सुख दुःख भूल गए |
भारत की आजादी के लिए ,
फांसी के तख्ते पर झूल गए ||
नाम था उनका भगत सिंह,
सुखदेव और राजगुरु आदि
जो ब्रिटिश शासन से न डरते थे |
भारत की आजादी के लिए ,
वे नये नये प्लान रोज घडते थे ||
थे वे आजादी के सच्चे सपूत वीर
जिन्होंने अंग्रेजो का दम निकाला था |
जिनकी नस नस में आग दोड़ती थी ,
खुद को आंधी तूफ़ान में पाला था ||
थे वे बड़े अमर शहीद बलिदानी ‘
जिन्होंने फांसी के फंदे को चूमा था |
माँ रंग दे बसंती चोला मेरा ,
ये गीत भारत के घर घर में झूमा था ||
आर के रस्तोगी