कौन कहता है बुढ़ापे में, इश्क का सिलसिला नहीं होता। आम तब तक मीठा नहीं होता, जब तक पिलपिला नहीं होता।। कौन कहता है बुढ़ापे में, जवानी कभी नहीं आती। वह कभी बूढ़ा नहीं होता, जब तक परेशानी नहीं आती।। कौन कहता है बुढ़ापे मे, आदमी शादी नहीं कर सकता। […]

ये यौवन क्या है तुम्हारा, उमड़ता हुआ है समंदर। डर लगता है इससे मुझको, कहीं डूब न जाऊं मै अंदर।। ये काली जुल्फे है तुम्हारी, काली घटा भी इनसे हारी। इनको जब तुम झटकती, बिजली इनके आगे मटकती।। ये आंखे क्या है तुम्हारी, नीली झील से भी गहरी। नौका विहार […]

झांसी गले की फांसी,दतिया गले का हार, ललितपुर न छोड़िए,जब तक मिले उधार। जब तक मिले उधार,ललितपुर कभी न छोड़े, चाहे कितने कष्ट मिले,लगते रहे तुमको कोड़े। कह रस्तोगी कविराय,सुनो भई ललितपुर वासी, ललितपुर न छोड़ना, बनेगा एक दिन ये झांसी।। आर के रस्तोगी गुरुग्राम Post Views: 403

नौकरी के नौ काम है,दसवां काम है हां जी का, करते रहो सारे काम,कोई काम नहीं ना जी का। नौकरी में नहीं हैं आजादी,ये काम है गुलामी का, सारे दिन हां हां करो,पूरे दिन ये काम सलामी का। नौकर के नौ हाथ होते,पूरा काम टांग तराजू का, एक हाथ से […]

कोरोना से अब लड़ना है, इसका मुंह काला करना है। दो गज की दूरी रखनी है, मुंह पर मास्क लगाना है। घर से नहीं अब निकलना, घर से ही काम करना है। कोरोना से अब लड़ना है, इसका मुंह काला करना है। किसी के घर नहीं जाना है, किसी को […]

आज मुर्दे भी मुख खोल रहे हैं, अपने मन की पीड़ा खोल रहे हैं। हुआ है उनके साथ बहुत अन्याय, सबकी वे अब पोल खोल रहे हैं।। मिली नहीं अस्तपतालो में जगह, आक्सीजन के लिए भटक रहे थे। हो रही थी दवाओं की काला बाजारी, दवाओ के लिए हम तड़फ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।