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मौसम ने ली अब अंगड़ाई है
प्रकृति बसन्ती रंग मे नहाईं है
वृक्षों के पत्ते भी झड़ने लगे है
नये नये पत्ते अब आने लगे है
खेत सरसों के फूलो से नहाये है
आम के बोर नई उम्मीद सजाए है
परमात्म कृपा पर टिका किसान
धूप और वर्षा का मिलता वरदान
किसान के खेत से जब अन्न उगता है
तभी वह जहान का पेट भरता है
उसी किसान की खुशी लौटा दो
उदास चेहरे पर मुस्कान लौटा दो।
#श्रीगोपाल नारसन
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