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सद्कर्मो से भाग्य है बनता
सत्पुरुष सद्कर्मों से जन्मता
अहंकार पलभर में मिटता
इंसानियत का उदय हो जाता
सद्कर्मो से हीे मिटते है विकर्म
इसी से बन जाता पावन मन
सद्कर्म ही है परमार्थ का पथ
इसपर चलने से बनते समर्थ
छोड़ दो जीवन के सब व्यर्थ
स्वयं पा जाओगे जीवन अर्थ
परमात्म चिंतन में बस लगे रहो
जीवन में सुपथगामि बने रहो।
#श्रीगोपाल नारसन
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