आओ अपने तन मन से,
दूर सभी हम रोग करें।
आओ मिलकर योग करें।।
स्वास्थ्य हमारा बढ़िया हो,
जीवन में सब है अच्छा।
रोग ग्रसित अब नहीं रहेगा,
भारत का इक भी बच्चा ।
सूर्योदय से पहले उठ कर,
करते हैं जो समय से काम ,
सदा निरोगी काया हो तो ,
समझो जीवन है सुख धाम।।
आलस्य कभी न छू पाये,
मेहनत हम सब लोग करें।
आओ मिलकर योग करें,
हम सब मिलकर योग करें।
सांसो का हम भरें-निकालें
यह तो प्राणायाम हुआ ,
अपने दिलो दिमाग़ का भाई,
अच्छा यह व्यायाम हुआ ।
सभी शक्तियों का यह तन,
सुंदर एक ख़ज़ाना है,
योग को अपनाकर ही तो,
सक्रिय इसे बनाना है।
अल्लाह की इस नेयमत का,
हम सारे उपयोग करें।
आओ मिलकर योग करें,
हम सब मिलकर योग करें।।
रचना
आसिया फ़ारूकी
( शिक्षिका)
फ़तेहपुर ( उत्तर प्रदेश)