जाने क्या बात थी
उस मुलाकात में।
चाँद झर झर बहा
चाँदनी रात में ।
हम हो गए दीवाने तेरे
पहली मुलाकात में।
चमकता चाँद जैसा चेहरा
निकला है चांदनी रात में।
कैसे बुलाऊ तुम्हे अपने पास में।
क्योंकि कितने देख रहे है
तुम्हे इस चाँदनी रात में।।
चाँद झर झर बहा रहा चाँदनी रात में।।
पूनम के चाँद की तरह
तुम आज दिख रही हो।
देखा तेरा चेहरा आज
तो दिल मे बस गई हो।
अब कैसे दू सन्देश तुम्हे
की मुझे प्यार हो गया।
अब कैसे मिले तुमसे
इस चाँदनी रात में ।
चाँद झर झर बहा रहा चाँदनी रात में।।
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।