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घर से दूर
अपनों से दूर…
दिल्ली की सड़कों पर
वह ठिठुर रहा सर्द रातों में,
रात-रात भर जाग रहा
अपनों से दूर
अपने हक-अधिकारों के वास्ते !
सुन ले सरकार
करता गुहार
धरतीपुत्र किसान बड़ा लाचार
कब तक कुंभकरण बन सोयेगी सरकार
मत उद्योगपतियों के हाथों की कठपुतली बन सरकार
जय जवान और जय किसान
देश की पहचान हैं
देश की आन-मान-शान हैं
इनसे ही देश चले
मत भूल सरकार
एक दिन मिट जायेगा तेरा अहंकार
आज किसान बहुत हुआ लाचार
समय रहते –
जाग जा सरकार …
मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
फतेहाबाद, आगरा
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